सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

यदुवंश के ऐसे वीर सपूत को शत्-शत् नमन् एवं श्रद्धाञ्जलि

यदुवंश के ऐसे वीर सपूत को शत्-शत् नमन् एवं श्रद्धाञ्जलि
- द्वारा-
यादव महासंघ चण्डीगढ़ (रजि.)

           यादव महासंघ चण्डीगढ़ (रजि.) , स्व. श्री हरिकेश यादव (आर. सी. वी., आर्मी) के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए स्व. श्री हरिकेश यादव को श्रद्धासुमन अर्पित करता है ।

           स्व. श्री हरिकेश यादव, यादव महासंघ चण्डीगढ़ (रजि.) के आरणीय सदस्य, हवलदार श्री श्रवण कुमार यादव (ब्रिगेड आफ द गार्ड,आर्मी) के सबसे छोटे एवं प्रिय भाई थे, जिनका निधन एक ट्रैक्टर दुर्घटना में दिनांक16-01-2016 को हो गया है। स्व. श्री हरिकेश यादव का जन्म सन् 1994 में ग्राम- दामोदर पुर,थाना- मुबारक पुर, जिला- आजमगढ़ (उ.प्र.) में एक किसान परिवार में हुआ था । अपने बड़े भाईयों हवलदार श्री श्रवण कुमार यादव एवं सिपाही श्री श्रीकेश यादव (आर. सी. वी., आर्मी) के बाद सन् 2013 में सेना में भर्ती हुए । अपने पिता स्व. श्री यमुना यादव के निधन के बाद सेना की सेवा के साथ-साथ घर का काम भी बखूबी सँभाल रहे थे । स्व. श्री हरिकेश यादव एक मृदुभाषी,प्रसन्नचित एवं प्रतिभावान व्यक्ति थे । अपने परिवार के साथ-साथ वे समाज के अन्य लोगों में भी अत्यन्त लोकप्रिय थे।

            बडे़ भाई हवलदार श्री श्रवण कुमार यादव जिनके अश्रु थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे, बताते हैं कि जिस भाई ने कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने दिया, उसके न रहने से हमारा तो सब कुछ लुट गया । मझले भाई श्री श्रीकेश यादव जिनके लिए सबसे प्रिय भ्राता, सबसे प्रिय मित्र एवं एकमात्र दुलारे, जिनके रहते कभी उन्होने किसी भी प्रकार के दायित्व का बोझ महसूस नही किया, को सान्त्वना दे पाना अत्यन्त मुश्किल था । "बहने" जिन्होंने भाई की शादी एवं सुख-समृद्धि को लेकर न जाने कितने सपने सँजोए थे, अब उनके सपने टूट चुके थे और उनकी आँखों से आँसुओं के साथ-साथ सब कछ अविरल बहा जा रहा था । "भाभिया" जिनके लिए सर्वप्रिय व देवर के रूप में सबसे अच्छे मित्र भी वही थे, से खुशयां सुदूर जा चुकी थीं जो अब कभी भी लौटकर वापस आने वाली नहीं थीं, ठगी- ठगी  सी अश्रुपूर्ण आखों से उनके उठ बैठने का इन्तेजार कर रहीं थीं । उनकी आदरणीया "माता" के व्यथित हृदय की व्यथा को महसूस कर पाना अत्यन्त कठिन था जनके हृदय का एक हिस्सा ही अब हमेशा-हमेशा के लिए उनसे अलग होकर चिर्निद्रा में सो गया था । चचेरे 7 भाईयों में सबसे बड़े श्री अच्छेलाल यादव (पी.ए.सी.) मायूसी एवं चिन्ताग्रस्त मुद्रा में बताते हैं कि हम 10 भाईयों के बीच में से एक ऐसी मजबूत कड़ी हमसे टूटकर दूर जा चुकी है जिसकी कमी जीवनपर्न्त हम सबको व्यथित करती रहेगी । "बच्चे" जिनके सबसे अच्छे मित्र एवं खिलौने उनके हरिकेश चाचा ही थे, शोक-सन्तप्त आँखों से उनकी प्रतिक्षा कर रहे थे । व्यथित हृदय सहमे-सहमे बच्चों की खामोशी देखकर लगता था मानो उनका बचपन ही उनसे छिन गया हो ।

            माता ने अपना प्रिय पुत्र खोया, भाईयों एवं बहनों ने अपना प्रिय भाई खोया, भाभियों ने देवर के रूप में अपना प्रिय मित्र खोया,यदुवंश ने अपना एक प्रतिभावान एवं लोकप्रिय व्यक्तित्व खोया तथा भारत माता ने अपना वीर सपूत खोया जिसकी कमी हमेशा महसूस की जायेगी ।
            
             यादव महासंघ चण्डीगढ़ (रजि.), स्व. श्री हरिकेश यादव (आर. सी. वी., आर्मी) के असामयिक निधन से शोकाकुल है तथा उन्हे अपनी भाव-भीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता है । भगवान श्री कृष्ण जी उनके परिवार
एवं सम्बन्धियों को इस असहनीय कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें व उन्हें अपने चरणों में स्थान दें । यदुवंश के ऐसे सपूत को यादव महासंघ चण्डीगढ़ (रजि.) का शत्-शत् नमन्.............