बुधवार, 6 सितंबर 2017

धैर्य एवं सहनशीलता खोता हुआ समाज

धैर्य एवं सहनशीलता खोता हुआ समाज







आज का हमारा समाज कितना बदल गया हैं, या बदलता जा रहा हैं, और कहाँ जाकर रुकेगा, यह हमारी कल्पना परिधि में भी नहीं है ।
आज का युवा, धैर्य तथा सहनशीलता के अभाव में आज की आधुनिकता से सराबोर हो कर जीवनशैली को तीब्र गति तो दे ही रहा है, साथ हिंसक भी होता जा रहा है ।
परन्तु हमें पिछले सप्ताह दिल दहला देने वाली ऐसी घटना से दुखी होना पड़ा, जिसमें एक बेहद अनुशासित, शालीन सौम्य, अपने माता पिता का एकलौता बेटा तथा बहुत ही छोटे दो मासूम बच्चों के पिता, प्रवीण जी निवासी सेक्टर 37, चंडीगढ की जान चली गई ।
इस बेहद दुखद घटना को अंजाम देने वाला युवा नहीं बल्कि वह व्यक्ति भारतीय फ़ौज से सेवानिवृत्त कर्नल है । जो बहुत ही मामूली तौर पर उसकी कार उस युवा व्यक्ति की कार से रगड़ खा जाने के कारण अब वह व्यक्ति इतिहास बन गया है ।
हम सभी बडी उम्र के लोग, युवा वर्ग के उग्र होने की बात तो करते हैं, परन्तु जब युवाओं को मार्गदर्शित करने वाले ही ऐसी शर्मनाक हरकत करने लगेंगे तो युवा समाज कहाँ और किस दिशा में जाएगा, कहना बहुत मुश्किल हो रहा है ।
फिर भी हमें तथा हमारे देश के सम्माननीय नागरिकों द्वारा इस सेवानिवृत्त कर्नल की निंदा तो करनी ही चाहिए ।
अनुशासित रह कर नियमों का पालन करने वाला व्यक्ति भी जब क़ानून अपने हाथ में ले कर सड़क पर ही सही ग़लत का निर्णय करने वाला न्यायाधीश तथा जल्लाद बन जाय ।
ऐसे व्यक्ति को अपने द्वारा किए गए ऐसे व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए ।
जो व्यक्ति ऐसे मामूली सी ग़लती पर हत्या का कारण बन गया हो, उसके लिए निर्णय आप का, क्या इन्हें अपने इस दुखद कृत्य  के लिए दंडित किया जाना चाहिए...........?


साभार : बी एल सिंह