बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

यदुवंश सामाजिक व् राजनितिक हाशिये पर

यदुवंश सामाजिक व् राजनितिक हाशिये पर

60 के दशक के अंत की तरफ का दौर था ,देश में एक राजनितिक परिवर्तन के लिए व् भ्रष्ट कांग्रेसी-राज़ को खत्म करने के लिए जन-आंदोलनों का दौर था i समाजवादी आन्दोलन के महानायक के रूप में लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, रामसेवक सिंह जी यादव आदि समाजवादी चिंतक आगे आये i गैर-कांग्रेसवाद का नारा उठा और फलस्वरूप हरियाणा,बिहार,UP में गैर-कांग्रेसी सरकारे बनी और राव बिरेन्द्र सिंह जी,चरण सिंह,कर्पूरी ठाकुर आदि का नेतृत्व उभर कर आया i लेकिन ये प्रयोग विफल हुआ और कांग्रेस फिर से सत्ता में आई i भ्रष्ट कांग्रेसी-राज़ में धड़ाधड़ पुलिस एनकाउंटर हो रहे थे ,करीब 2200 लोगों का एनकाउंटर हुआ जिसमें अधिकांश यादव थे i माननीय हुकुमदेव नारायण सिंह जी बोलते हैं कि सिर्फ यादवों के जवानों की चौड़ी छाती थी गोली खाने के लिए , एनकाउंटर लिस्ट में मुलायम सिंह जी का भी नाम शामिल हुआ लेकिन वो किसी तरह बच गये i फिर उस निरंकुश कांग्रेसी शासन का विरोध करने और उस को खत्म करने के लिए JP के दौर में “सिंहासन खाली करो, कि जनता आती है “ का नारा जन-जन में गूंजा और उस दौर में लोहिया व् JP के शिष्य मुलायम सिंह जी ,लालूजी, शरद बाबू आदि यादव युवक लोहिया जी के सिधान्तों के तहत राजनितिक नभ पर छा गये और उस निरंकुश,भ्रष्ट,परिवार-वादी, सामन्ती शासन को उखाड़ फेका i .....लेकिन वक्त के साथ लोहिया/JP के शिष्य खुद रास्ता भटक गये ... वे खुद कांग्रेस की गौद में जा बैठे और भ्रष्ट,परिवार-वादी,सत्ता-लोलुप हो गये i लेकिन इतना ही नहीं, इन ने अपने स्वार्थ व् परिवार-वाद में सम्पूर्ण यदुवंश के हितों और गरिमा को राजनीति के उस चौसर/जुए में दाँव पर उस तरह लगा दिया जैसे कि पांडवों ने “द्रौपदी” को पापी दुर्योधन के सामने “दाँव” पर लगा दिया था, ताकि द्रौपदी की तरह सम्पूर्ण यदुवंश का “चीर-हरण”हो सके i कौम के “खवैया” ही कौम की कश्ती को निजी स्वार्थों में डुबा दिए और इनके परिवार तो पीढ़ी-दर-पीढ़ी पल गये लेकिन गरीब “अहीर” की हालत बद से बदतर होती चली गयी i सम्पूर्ण भारतीय-समाज इस तरह यादव-विरोधी हो गया जिसकी परिणीती के रूप में स्वतंत्रता संग्राम के महानायक राजा राव तुला सिंह जी की प्रतिमा को छति पहुँचाना व् अनादर करना , नॉएडा के जितेन्द्र यादव का फर्जी एनकाउंटर आदि कौम यदुवंश के प्रति नफरत का एक मंजर मात्र था i ..........अब वक्त आ गया है कि अलवर और अजमेर लोकसभा क्षेत्रों में हार से भाजपा को ये एहसास होना चाहिए कि देश की सबसे बड़ी कौम “यदुवंश” के बारे में उसको चिन्तन-मंथन करना ही पड़ेगा i अगर भाजपा “अहीर रेजिमेंट” के लिए हाँ भरती तो निश्चित रूप से उसे दोनों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल होती क्यों जहाँ अलवर क्षेत्र यादव बाहुल्य है वहीँ अजमेर में भी करीब 50 हजार यादव वोट हैं जो “अहीर रेजिमेंट” जैसे भावनात्मक मुद्दे पर एकमुश्त उस पार्टी को मिलते जो “अहीर रेजिमेंट” के लिए हामी करती i डॉक्टर कर्ण सिंह जी को जीत की बधाईयाँ , लेकिन अब उन को “अहीर रेजिमेंट” के बारे में अपनी पार्टी को अवगत कराना ही होगा नहीं तो 2019 में ये यक्ष-प्रश्न उनके सामने खड़ा रहेगा और यादव-वोट उनसे दूर i आरक्षण के मुद्दे पर एक बहुत छोटा सा पटेल वोट-बैंक गुजरात में और एक मामूली फिल्म के मुद्दे पर जब राजपूत वर्ग के वोट एकजुट हो सकते हैं तो देश की सबसे बड़ी कौम यदुवंश अपने सबसे बड़े मुद्दे “अहीर रेजिमेंट” पर अपने बड़े वोट-बैंक को किस तरफ झुकाव करेगी, ये अब सत्ताधारी लोगों को सोचना ही पड़ेगा i 

अब सिर्फ एक नारा है ....


”वोट वो ही पायेगा , 

जो “अहीर रेजिमेंट “ बनवायेगा i 
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सिंहनी के जाये शेर अहीर I 
रणबांके हैं वीर अहीर II 
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II शूरवीरों में अति शूरवीर अहीर II 
II वीर भोग्या वसुन्धरा II 
II राष्ट्र-रक्षा परम धर्म है,अहीर रेजिमेंट राष्ट्र-रक्षा हेतु बलिदान के लिए II 
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डॉक्टर ईश्वर सिंह यादव "अजीत" (09215730160)
यादव अस्पताल , रेवाड़ी, हरियाणा