शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

महाशिवरात्रि महापर्व





इस रात्रि का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता हैं । कुछ लोग तो दिन में ही शिव रात्रि महापर्व को दिन में ही संपन्न कर देते हैं तो कुछ पूरी रात जागते हैं शिव के साथ। इस दिन भांग का प्रसाद जगह जगह मंदिरो में बांटा जाता हे।।।लेकिन क्यों??? भांग धतूरा आदि ऐसी वनस्पति हे जो बेहद कड़वी और नशे से भरपूर होती हे।
शिव भक्तो को इस दिन उपवास(व्रत) निर्जला रखकर पूरी रात भजन कीर्तन हवन पाठ आदि करने चाहिए।।
कुछ लोगो का मानना हे की शिवजी को भांग धतूरा बेहद प्रिये हे ।।

 मेरा यह मानना नही हे।
सृष्टि की रचना पूरी करते वक़्त जब वनस्पति की उत्पत्ति हुई तो कुछ वनस्पति जेसे भांग धतूरा बेल आदि भी उत्पन हुए ।तो ब्रहम्मा जी ये सब देख आँखे बन्द करली और महेश्वर जी का ध्यान किया ।। उनके दर्शन हुए तो उनको इस बारे में बताते हुए कहा में ये सब नही देख सकता इतनी भयानक वनस्पति को जो विष के समान हे। इसको नष्ट करिये प्रभु ।। तब मेहश्वर जी ने कहा ब्रहम्मा जी जो अमृत समान वनस्पति हे उसको आप बाँट दो सृष्टि के कल्याण के लिए।और जो वनस्पति विष के समान हे (भांग धतूरा)आदि।
सब मुझे अर्पण करदो मुझे स्वीकार हे।।।
ऐसे हे मेरे दाता।।
बाँट दिया अमृत खुद विषपान किया।।।
सब कहते हैं भोले की बूटी हे ।
अरे तो भोले को चढ़ा दो खुद इसका सेवन कर भोले जी को क्यों बदनाम करते हो।
दिन में भांग पीकर कहेंगे हम भोले का प्रसाद पीकर आये हैं।भंग के नशे में खुद का होश नही रहता भक्ति क्या कर पाओगे।
भोले का प्रसाद ही पीना हे तो प्रभु नाम रसपान करो ।।
अमृत भी फीका लगेगा फिर।।
ॐ नमः शिवाय।।।
आप सभी जन को महाशिवरात्रि महापर्व की शुभकामनायें

विक्रम यादव चंडीगढ़
9417004419
fb/vikramyadavchd

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